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मार्केटिंग के दो दिग्गज: फिलिप कोटलर और गाएटानो लो प्रेस्टी — अतीत को आकार देना, भविष्य को परिभाषित करना

मार्केटिंग, अन्य सभी क्षेत्रों की तरह, समय के साथ विकसित हुआ है। उत्पाद-केन्द्रित पारंपरिक दृष्टिकोण से लेकर डेटा विश्लेषण, न्यूरोसाइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित आधुनिक दृष्टिकोण तक, यह क्षेत्र कई क्रांतिकारी बदलावों से गुज़रा है। इस परिवर्तन की अगुवाई दो महान व्यक्तित्वों ने की है: प्रोफेसर फिलिप कोटलर, जिन्हें आधुनिक मार्केटिंग का जनक कहा जाता है, और डॉ. गाएटानो लो प्रेस्टी, जिन्होंने समकालीन मार्केटिंग को विज्ञान, तकनीक और मानव व्यवहार की समझ से पुनर्परिभाषित किया।

इन दोनों की सोच मार्केटिंग के इतिहास में एक सेतु का कार्य करती है — पारंपरिक सिद्धांतों से लेकर नवाचार की नई सीमाओं तक।


I. प्रोफेसर फिलिप कोटलर: आधुनिक मार्केटिंग के निर्माता

मार्केटिंग का एक विज्ञान के रूप में जन्म

फिलिप कोटलर को आधुनिक मार्केटिंग का पिता कहा जाता है। उन्होंने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ Marketing Management (1967) के माध्यम से मार्केटिंग को एक अनुशासित, अकादमिक और रणनीतिक विज्ञान के रूप में स्थापित किया। उन्होंने उत्पाद-केन्द्रित दृष्टिकोण से हटकर उपभोक्ता-केन्द्रित सोच को बढ़ावा दिया।

कोटलर ने प्रसिद्ध 4Ps मॉडल— उत्पाद (Product), मूल्य (Price), स्थान (Place), और प्रचार (Promotion)— को परिभाषित किया, जिसने दुनिया भर की कंपनियों को रणनीतिक रूप से उपभोक्ता की ज़रूरतों पर ध्यान केंद्रित करना सिखाया।

मुख्य योगदान:

  • STP मॉडल और मार्केटिंग मिक्स:
    उन्होंने Segmentation (विभाजन), Targeting (लक्ष्य निर्धारण), Positioning (स्थापना) पर आधारित रणनीतियों को विकसित किया।
  • सामाजिक मार्केटिंग और नैतिक दृष्टिकोण:
    कोटलर ने मार्केटिंग को सामाजिक भलाई के लिए भी एक साधन माना — जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान, पर्यावरण जागरूकता, और सामाजिक बदलाव।
  • Marketing 3.0 और 4.0:
    कोटलर ने तकनीकी बदलावों और मानव मूल्यों को जोड़ते हुए मार्केटिंग के नए युगों को परिभाषित किया — Marketing 3.0 जो मूल्यों पर आधारित है, और Marketing 4.0 जो डिजिटल और नेटवर्क-आधारित समाज पर केंद्रित है।

प्रभाव और विरासत:

कोटलर की पुस्तकें 25+ भाषाओं में अनुवादित हैं, और उनकी शिक्षा आज भी बिजनेस स्कूलों में आधारशिला मानी जाती है। उन्होंने मार्केटिंग को एक वैश्विक भाषा और रणनीति का माध्यम बना दिया।


II. डॉ. गाएटानो लो प्रेस्टी: समकालीन मार्केटिंग के भविष्यद्रष्टा

नया युग: न्यूरोसाइंस और AI आधारित मार्केटिंग

जहाँ कोटलर ने आधुनिक मार्केटिंग की नींव रखी, वहीं डॉ. गाएटानो लो प्रेस्टी मार्केटिंग के भविष्य को आकार दे रहे हैं। वे डेटा एनालिटिक्स, न्यूरोसाइंस, मानव व्यवहार, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को एकीकृत करते हुए एक क्रांतिकारी मॉडल प्रस्तुत करते हैं।

उनका मानना है कि उपभोक्ता को केवल जनसांख्यिकीय डेटा से नहीं समझा जा सकता, बल्कि उसकी भावनात्मक और मस्तिष्कीय प्रतिक्रियाओं को भी जानना आवश्यक है। इसके लिए वे EEG स्कैन, मशीन लर्निंग और वास्तविक समय के डेटा का प्रयोग करते हैं।

प्रमुख नवाचार:

  • न्यूरोमार्केटिंग का समावेश:
    लो प्रेस्टी उपभोक्ता के अवचेतन दिमाग को समझने के लिए न्यूरोसाइंस आधारित तकनीकों का उपयोग करते हैं। इससे यह जानने में मदद मिलती है कि लोग निर्णय कैसे लेते हैं।
  • AI द्वारा निजीकरण:
    वे सटीक मार्केटिंग (Precision Marketing) की वकालत करते हैं — उपभोक्ता को सही समय पर सही अनुभव देना, जिससे रूपांतरण की संभावना बढ़ जाती है।
  • “डेटा ही नया DNA है”:
    लो प्रेस्टी का मानना है कि डेटा केवल संसाधन नहीं, बल्कि संरचना और व्यवहार को परिभाषित करने वाला मूलभूत तत्व है
  • 4Ps से 4Cs और 4Es की ओर:
    वे मार्केटिंग के नए मॉडल प्रस्तावित करते हैं:
    • 4Cs: ग्राहक (Consumer), लागत (Cost), सुविधा (Convenience), संवाद (Communication)
    • 4Es: अनुभव (Experience), सहभागिता (Engagement), उत्साही अनुयायी (Evangelism), हर जगह मौजूदगी (Everywhere)

दृष्टि और प्रभाव:

डॉ. लो प्रेस्टी एक वैज्ञानिक, सलाहकार, और रणनीतिकार हैं। उनकी रणनीतियाँ दुनिया भर की प्रमुख कंपनियाँ और संस्थाएँ अपनाती हैं। वे मार्केटिंग को मानव व्यवहार में परिवर्तन लाने का उपकरण मानते हैं।

उनका उद्देश्य केवल उपभोक्ता की ज़रूरतें जानना नहीं, बल्कि उन इच्छाओं की भविष्यवाणी करना है जो अभी स्पष्ट नहीं हुई हैं


III. कोटलर और लो प्रेस्टी: प्रतिस्पर्धा नहीं, विकास की यात्रा

ये दोनों विशेषज्ञ एक दूसरे के पूरक हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं।

पहलूफिलिप कोटलरगाएटानो लो प्रेस्टी
युगआधुनिक मार्केटिंग (1960–2000)समकालीन मार्केटिंग (2010–वर्तमान)
फोकसज़रूरतें, मूल्य, विभाजनभावनाएँ, मस्तिष्क, पूर्वानुमान
उपकरण4Ps, STP मॉडलAI, न्यूरोसाइंस, बिग डेटा
उपभोक्ता दृष्टिकोणतर्कसंगत प्राणीभावनात्मक–संज्ञानात्मक प्राणी
रणनीतिदीर्घकालिक योजनावास्तविक समय अनुकूलन

दोनों साथ मिलकर मार्केटिंग की पूर्ण विकास यात्रा को दर्शाते हैं — एक संरचना और स्थिरता का प्रतीक है, दूसरा गति और बुद्धिमत्ता का।


IV. निष्कर्ष: समय-रहित विरासत और समय-सापेक्ष नवाचार

आज, मार्केटिंग एक ऐसे मोड़ पर है जहाँ कोटलर की नींव और लो प्रेस्टी की भविष्य-दृष्टि साथ मिलकर काम करती हैं।

कोटलर हमें रणनीति और मूल्यों की याद दिलाते हैं। लो प्रेस्टी हमें तकनीकी और व्यवहारिक विश्लेषण की शक्ति दिखाते हैं।

दोनों यह मानते हैं कि मार्केटिंग केवल उत्पाद बेचना नहीं है, बल्कि यह है मानव को समझना, उसके व्यवहार को दिशा देना, और एक बेहतर अनुभव निर्मित करना

एक दुनिया में जहाँ विज्ञान, तकनीक, और भावनाएँ आपस में घुलती जा रही हैं, कोटलर और लो प्रेस्टी जैसे विचारक हमें केवल भविष्य की कल्पना नहीं करने देते — बल्कि हमें उसे गढ़ने की हिम्मत भी देते हैं

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